हनुमानगढ़ जिला स्थापना दिवस पर एक नजर में हनुमानगढ़ का इतिहास

हनुमानगढ़ जिला स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई ! 
पवन अनाम भटनेर  की पोस्ट

     हनुमानगढ़ :-  एक ऐतिहासिक ज़िला
मैं हनुमानगढ़ हूँ। भारत के राजस्थान प्रान्त का एक शहर.राजस्थान के उत्तर में घग्घर नदी के दोनों तट पर स्थित, मैं अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए विख्यात हूँ। दक्षिण पूर्व ओर टाउन व उत्तर पश्चिम ओर जंकशन  दोनों ओर रेलवे स्टेशन से घिरा हुआ।मेरा भौगोलिक ढांचा गौरवमयी इतिहास से अनछुआ नहीं रहा। भाटियों के शौर्य की कहानी से लेकर तुर्कों/अरबों के आक्रमण का साक्षी रहा हूँ। रक्तरंजित इतिहास को अपने दामन में समेटे मौन खड़ा हूँ। सिंधु सभ्यता की तीसरी राजधानी होने का सौभाग्य मिला तो कत्लोगारत का दंश भी झेला। भटनेर से लेकर हनुमानगढ़ बनने का तक का सफ़र अकथ्य है। आज मेरी स्थापना को 27 वर्ष पूरे हो चले हैं वैसे तो मेरा अस्तित्व चिर शाश्वत रहा है। राजधानी दिल्ली से तक़रीबन 400 किलोमीटर की दूरी पर भले ही हूँ लेक़िन अपने अल्हलदा वजूद से प्रभाव जरूर डालता हूँ। इन विगत वर्षों में मैंने क्या पाया? क्या खोया? आइये आपको ले चलता हूँ मेरी उपलब्धियों के ऐसे दौर में जहां रौचक क़िस्सों के ढेर हैं. जहां मैं एक साम्राज्य भी हूँ एक गुमनाम सभ्यता भी हूँ। मेरे बाशिन्दों ने मुझे जितना चाहा मुझे जितना लौटाया वो अमूल्य है। मैं मंथर होकर चलता रहा. इस सफ़र में क़िस्सागोई भी मिलेगी और भीषण दर्द की चींख भी। लेकिन जो भी हो। मैंने अपने इतिहास से सबक लिया। आधुनिकता में कदम बढ़ाए वैश्वीकरण के हवन में प्रगतिशीलता की आहुति दी। आज दुनिया मुझे मेरे नाम/काम अतीत और वर्तमान के नवाचारों से जानती है।मेरी अलग अस्मिता है अलग संस्कृति है। अनेक संस्कृतियो के मिश्रण के बावजूद मैंने अपनी मौलिकता को नहीं खोया। मेरा सामाजिक एवं संस्कृतिक रूप इतना वैश्विक है कि बगैर अपनी मूल प्रकृति को खोए मैं भिन्न संस्कृति और समाज को समाहित कर लेता हूँ। यही मेरी समृद्धि का प्रवर प्रमाण  है। आइये ले चलता हूँ आपको जहां सिर्फ़ मैं एक अतीत का उजड़ा हुआ भटनेर नहीं हूँ बल्कि विकास की इबारत लिखता एक प्रसिद्ध शहर "हनुमानगढ़" हूँ।

हनुमानगढ़:- एक नज़र

1.रावतसर की महारानी लक्ष्मी कुमारी चुंडावत राजस्थानी की प्रमुख महिला साहित्यकार मानी जाती है वह जब विवाह के बाद ससुराल में आई थी तो अपने दहेज में साहित्य की पुस्तकें लेकर आई थी और उस जमाने में उन्होंने कॉलेज शिक्षा प्राप्त की वह महिला शिक्षा को बढ़ावा देने वाली थी। रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत को भारत सरकार द्वारा पदम् श्री से सम्मानीत किया जा चुका है।
2.शिक्षा के अग्रदूत स्वामी केशवानंद  ने जो कार्य इस क्षेत्र के लिए किया वह सदियों तक याद किया जाएगा एग्रीकल्चर से जुड़ी हुई संस्कृति होने के कारण यहां इस तरह की शिक्षा दी जानी ज़रूरी थी।

3.रामलाल
तू गाय जैसा आदमी है
इसलिए घास खा
वे शेर जैसे आदमी हैं
मांस खाएंगे तेरा
देखना लोकतंत्र में
कोई भूखा ना सोए
–ओम पुरोहित कागद जैसे रचनाकारों की जननी हनुमानगढ़ जी सरज़मी रही है.

4.कचरे से ईंजन चलाने की तकनीक विकसित करने वाला रायसिंह हनुमानगढ़ से ही है_और ईंट भट्टों के किए ईंटें थापने की मशीन भी हनुमानगढ़ में ही बनी है

5.आईसीसी पैनल में शामिल क्रिकेट अम्पायर अनिल चौधरी हनुमानगढ़ ज़िले के हैं।
6.हनुमानगढ की सीमा पंजाब और हरियाणा दो राज्यों से लगती है। यहाँ हरियाणवी, पंजाबी और राजस्थानी तीनों संस्कृतियाँ हैं।

काळीयां पीळीयां बंगा ना वेखी
जंड नी वेख्या लढाणे दा.
बड़ोपळ दी ढाब ना वेखी,
फेर तूं की बखाणेगा.
उपरोक्त तीनों जगह हनुमानगढ़ में है जिनके बारे ये बात पंजाब के लोग कहते हैं,किसी अन्य राज्य द्वारा किसी दूसरे क्षेत्र  की संस्कृति को लेकर ऐसा कथन अन्यत्र कहीं नहीं मिलता।

7. पुरबसर के लखन गुसांई अमेरिका यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है।
हनुमानगढ़ में पले बढ़े हरिकृष्ण आर्य संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े हैं एवं कम्पयूटर टेक्नॉलॉजी विशेषज्ञ है।
हनुमानगढ़ के राजीव गोदारा रणजी में अम्पायरिंग करते हैं।

8.रावतसर के सरदार रूपसिंह राजपुरी दुनिया के पहले पगड्डीधारी सिक्ख हैं जो शुद्ध राजस्थानी में कविता पाठ करते हैं।

9. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार  पल्लू गाँव में खुदाई करने पर मिले हुए सिक्को से पता चलता है पल्लू गाँव में आज से हजारों साल पहले गणतंत्र स्थापित था । योधेय गणराज्यों की स्थापना हनुमानगढ़ जिले में ही शुरू हुई थी ।पल्लू में 2000 वर्ष पूर्व पंचायती राज था जो की गणतंत्र का मुख्य आधार था।

बीकानेर अभिलेखागार में रखी सरस्वती की मूर्ति पल्लू गाँव से मिली हुई है कलाकारी इतनी अद्भुत और बारीकी से की है कि सरस्वती के नाखून के पोर तक साफ साफ दिखाई देते है । ऐसी नवीनता ली हुई मूर्ति दुनिया की किसी भी सभ्यता में नहीं मिलती। गौरतलब है कि पल्लु में मिली सरस्वती की मूर्ति पर दो बार 60 लाख डाक टिकिट जारि हो चुके है ।

10.बडोपल की झील में विदेशी पक्षी हर वर्ष आते हैं। यह अब पर्यटक स्थल बन गया है।
11.हनुमानगढ़ के गोगामेडी में बना गोगाजी का मंदिर पुरे संसार का एकमात्र मंदिर है जहाँ एक हिन्दू और एक मुस्लिम पुजारी है ।

12. हनुमानगढ़ जिले के नोहर कस्बे को भारत भर में फुटबॉल गढ़ के नाम से जाना जाता है.

13.नहर पर सौर उर्जा प्लांट एकमात्र हुमानगढ में ही बना है।

14.परलीका गांव जहां के हर घर मे साहित्यकार बस्ता है। हाल ही में साहित्य अकादमी से पुरस्कृत मूर्धन्य साहित्यकार रामस्वरूप किसान परलीका से ही है।

साहित्य अकादमी से पुरस्कृत पौथी 'जीव री जात' के रचनाकार डॉ. भरत ओळा नोहर से है। 
चन्द्रसिंह बिरकाली आधुनिक प्रकृतिवादी कवि हनुमानगढ़ से है जिनकी 'लू,बादळी' कालजयी रचनाएँ है। बादळी कृति को हजारी प्रसाद द्विवेदी एवं महादेवी वर्मा ने रवींद्रनाथ टैगोर की "गीतांजलि" से भी बड़ी रचना बताई है।

राती घाटी के लेखक भुर सिंह राठौड़, राजेश चड्डा, ओम पुरोहित कागद, डॉ. सतपाल खाती, मेहरचंद धामू, डॉ. सत्यनारायण सोनी, रामेश्वर गोदारा, राजू सारसर, दीनदयाल शर्मा, दुष्यंत जोशी, विनोद स्वामी, शिव बोधि, बीएल पारस, प्रियंका भारद्वाज,कपिल जोशी,बंशी सहारण ,हनुमान दीक्षित, बलराम थालोड़,नरेश मेहन, चैन सिंह शेखावत, रंगलाल विश्नोई, लालचन्द 'मानव' पवन जी शर्मा ,  आदि रचनाकारों की कर्म स्थली हनुमानगढ़ रही है। 

आकाशवाणी बीकानेर में कार्यरत वरिष्ठ उद्धघोषक श्री प्रमोद जी शर्मा मूलतः हनुमानगढ़ जिले से ही है।

श्री गंगानगर में सेवारत प्रखर कवि एवं सवेंदनशील डीवाईएसपी ओमप्रकाश जी चौधरी जी हनुमानगढ़ ज़िले के मूल निवाशी है। कोरोना काल में अपनी मुस्तेदी से एवं रचनाधर्मिता से जनमानस में जागृति पैदा करने का श्रमसाध्य कार्य किया। कोरोना के ख़तरे के बीच समाज में सकारात्मकता का बीच अंकुरित करने के लिए आपके द्वारा लिखी कविता पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई. आकाशवाणी सूरतगढ़ से आपका साक्षात्कार हुआ।
अंतरराष्ट्रीय समान्तर साहित्य महोत्सव में युवा राजस्थानी कविता पाठ में शामिल आठ कवियों में से 5 कवि इकलौते हनुमानगढ़ से थे। जिनमें आईएएस जिंतेंद्र सोनी, रूपसिंह राजपुरी, पवन 'अनाम' अनिल अबूझ, गोरीशंकर निम्मिवाल शामिल रहे। 
उम्दा शायर विपुल जी एवं प्रेम जी भटनेरी यहीं से हैं।

आधुनिक युवा राजस्थानी कवियों  में हनुमानगढ़ ज़िला अग्रणी है।हनुमानगढ़ जिले में एक ऐसा भी घर है, जहां सभी पांचों सदस्य साहित्यकार है। जिनमें से तीन साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली से राजस्थानी में पुरस्कृत किया गया है। संस्थापक/ साहित्य संपादक एवं बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की ओर से बच्चों के लिए वर्ष 2003 से एक मात्र अख़बार 'टाबर टोल़ी' प्रकाशित किया जा रहा है। जिसमें बालोपयोगी रचनाएं छपती है।

दुनिया भर में अपनी लरज़ती आवाज़ के जादू से मंत्रमुग्ध कर देने वाले आकाशवाणी सूरतगढ़ के वरिष्ठ उद्घोषक राजेश चड्डा का कार्यक्रम "मिट्टी दी खुश्बू" एकमात्र रेडियो कार्यक्रम है जो देश से बाहर भी सुना एवं सराया जाता है।आप हनुमानगढ़ के मूल निवाशी है। 

रेडियो की दुनिया में बहलोलनगर के श्रोताओं का विशेष स्थान है।देश विदेश के 80 से ज्यादा केन्द्रों पर पत्र शामिल हुए हैं।श्रीलंका के रेडियो सीलोन,बीबीसी,रेडियो तेहरान में पत्र शामिल होते हैं।

15. फेफाना तहसील नोहर के चौधरी कुम्भाराम आर्य जिन्होंने किसानों को खातेदारी हक दिलवाया था।

16.रावतसर तहसील के गांव *बरमसर* का जिप्सम भारत भर में प्रसिद्ध है.

17.रावतसर तहसील के गांव धन्नासर के जितेंद्र सोनी पूरे राजस्थान के बेस्ट IAS अधिकारी है.
पूर्व नोहर विधायक अभिषेक मटोरिया को एशिया के युवा विधायक होने का पुरस्कार मिल चुका है।

18.कॉमेडीयन ख्याली सहारण,
श्याम रंगीला
सुखा 38 वाला-गीतकार,
राष्ट्रीय बॉलीवाल टीम के कप्तान रणवीर सिहाग पोहड़का, अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी दीपक चाहर,  अंतराष्ट्रीय लोक गायक कमल चौधरी संगरिया, महान फुटबॉलर हरीश राव, किशोर महिया,हनुमानगढ़ जिले के ढंढेला गांव से ख्यात मूर्तिकार त्रिलोक माण्डण जी अनेक राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो चुके हैं।
बोधि प्रकाशन जयपुर के संस्थापक एवं मूर्धन्य साहित्यकार सन्दीप कुमार जी डुमरा उर्फ़ माया मृग जी की जन्मस्थली हनुमानगढ़ जिला रहा है।

कुलविंद्रसिंह कंग-क्रिकेट कॉमेंटेटर हनुमानगढ़ ज़िले से ही है।

19. विज्ञान मे बिना तार ऊर्जा संचरण की तकनीक बताने वाला हनुमानगढ़ का हिमांशु बोयत है।

20.एशिया की सबसे बड़ी पेयजल योजना।

आपणी योजना धन्नासर केन्ची
अन्न का कटोरा हनुमानगढ......एशिया की सबसे बड़ी चना मंडी नोहर में स्थित है।

21.गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह- भाई सुखासिंह व भाई महताबसिंह ने गुरुद्वारा हरिमंदर साहब, अमृतसर में मस्सा रंघङ का सिर कलम कर बूढ़ा जोहड़ लौटते समय इस स्थान पर रुक कर आराम किया था।
भटनेर- हनुमानगढ़ टाउन में स्थित प्राचीन किला.
गोगामेडी- हिन्दू और मुस्लिम दोनों में समान रूप से मान्य गोगा/जाहर पीर की समाधि, जहाँ पशुओं का मेला भाद्रपद माह में भरता है।
कालीबंगा- ५००० ईसा पूर्व की सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र, जहाँ एक साइट-म्यूजियम भी है।

नोहर- सन १७३० में दसवें गुरु गोविन्द सिंह के आगमन पर बनवाया गया कबूतर साहिब गुरुद्वारा | मिट्टी के बने बर्तनों के लिए भी प्रसिद्ध|

तलवाङा झील- यहाँ पर पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध लड़ा गया था।

मसीतां वाली हेड-जहाँ से इंदिरा गांघी नहर राजस्थान में प्रवेश करती है।

सिल्लामाता' मंदिर- माना जाता है कि मंदिर में स्थापित शिला का पत्थर घघ्घर नदी में बह कर आया था।
भद्र्काली मंदिर- घघ्घर नदी के किनारे बना प्राचीन मंदिर है।

राजस्थान गौवंश प्रजनन केन्द्र नोहर मे स्थित है।
राजस्थान की सहकारी सूती मिल हनुमानगढ़ मे स्थित है ।

सबसे स्वच्छ एवं सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला माना जाता है।

प्राचीन सरस्वती नदी जिसे दृषद्वती/घग्घर नदी भी कहा जाता है ये नदी हनुमानगढ़ ज़िले में बहती है. जिसने एक खूबसूरत सभ्यता को पोषित किया।
हनुमानगढ़ की मां बोली बागड़ी है।

हनुमानगढ़ जिले में स्थित फेफाना गांव राज्य का सबसे बड़ा गांव हैं।  नामचीन कवि करणीदान जी बारहठ फेफाना गांव से ही है।

मसीतावाली हैड से राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर का प्रवेश होता है.

महान मूर्तिकार लक्ष्मण विश्नोई हनुमानगढ़ ज़िले के ही है।

खेल सामग्री के लिए हनुमानगढ़ देश भर में प्रसिद्ध है.

1398 ई. में जब तैमूर लंग ने इस दुर्ग पर आक्रमण किया था तब यहां मुस्लिम महिलाओं ने भी जौहर किया था। जिसका एक मात्र उदाहरण भटनेर दुर्ग है। तुजुक-ए-तैमूरी में भटनेर को सबसे मजबूत किला बताया गया है। इसके मुख्य द्वार पर एक राजा और पांच रानियों का चित्र अंकित है. अरविंद भास्कर जी द्वारा संपादित नाथ सार संग्रह में संभवतः सूरत सिंह और उसकी रानियों के चित्र का उल्लेख किया गया है।

मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति में अब तक जिले से चौदह प्रतिभागी भाग ले चुके हैं।

इस धरती पर एक फकीर द्वारा बनाया एक मात्र म्यूजीयम संगरिया में अवस्थित है.सर छोटूराम स्मारक संग्राहालय के नाम से विख्यात है ...

शिक्षा सन्त स्वामी केश्वानन्द जी की कर्मस्थली संगरिया भी हनुमानगढ जिले में हैं. 
बीकानेर सम्भाग में आम आदमी के लिये शिक्षा की बडी शुरुआत करने वाले बहादुर सिंह भोबिया भी हनुमानगढ से ही हैं जिन्होंने 1917 में जाट एंग्लो वेदिक स्कूल की पहले हनुमानगढ और फिर संगरिया में शुरूआत की.

कालीबंगा उत्खन्न से जुडे उत्खननवेता राखालदास बनर्जी पल्लू को पुरातत्व शोधों के जरिये धरती के नक्शे पर खास बनाने वाले इटेलियन टेसीटोरी ,साहित्यकार लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत पुलिस के पूर्व डायरेक्टर जनरल डा०ज्ञान प्रकाश पिलानियां गौरख पीठ गोगामेडी धरती के मरूस्थलों की सबसे बडी नहर परियोजना आईजीएनपी सिंचाई इंजिनियरों एवम शासकीय शॉर्ट वीजन से उपजी सेम ...प्राकृतिक एवम मानवीय कारणों से घग्घर नदी अपहरण की बडी मिशाल भी हनुमानगढ जिले से ही संबधित है।

महान अभिनेता मनोज कुमार भी
शरणार्थी के रूप में पाकिस्तान से आकर कुछ समय हनुमानगढ़ रहे थे.

ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के वक्त पांडु पांडुसर आये थे और यहाँ जो कुआँ बना है वह उसी पुराने कुएँ की जगह है।

कॉमरेड श्योपत सिह मक्कासर जैसे जन नेता यहीं हुए है।

अर्जुन अवॉर्डी पैरालंपिक गेम्स जगसीर सिंह फतेहगढ़ यहीं से है।
जान जलेबी मांगे,बरस - बरस इन्द्रराजा, जैसे गानों के म्यूज़िक कम्पोजर रैम्बो यहीं से है।
हास्य - व्यंग्य के जानें मानें गायक सहिराम भग्त धन्नाासर यही से है।
राजस्थानी लोक गायक एंव अभिनेता प्रकाश गांधी भी हनुमानगढ़ के गांधी बड़ी गांव से है.

लेखक:- पवन 'अनाम'
ग्राम पोस्ट:- बरमसर  95492-36320




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