india Right To Education for Class 5-8 निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार में बड़ा बदलाव , विद्यार्थी 5वीं और 8वीं में भी फेल होंगे

india Right To Education निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार में बड़ा बदलाव , विद्यार्थी 5वीं और 8वीं में भी फेल होंगे

 

अब भारत में पढ़ने वाले बच्चे कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चे फेल हो सकते है राजस्थान सरकार ने Right To Education में नया संशोधन किया है 

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india Right To Education निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार में बड़ा बदलाव , विद्यार्थी 5वीं और 8वीं में भी फेल होंगे नियम संसोधन नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम 2024


 

नियम संसोधन नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम 2024

  • (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 है।
  • (2) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख को लागू होंगे।


निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 में, भाग 5 के पश्चात निम्नलिखित भाग अंतःस्थापित किया जाएगा


"भाग 5 क- कतिपय मामलों में परीक्षा और रोका जाना"

नये संशोधन नियमो के अनुसार बिन्दुओ का स्पष्टीकरण :- RTE 2009

  • 2009 में लागू “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम" (RTE) के तहत, यह तय किया गया था कि किसी भी छात्र को कक्षा 8 तक रोका नहीं जाएगा।


उद्देश्य : - 

  • यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया था कि हर बच्चा कक्षा 8 तक अपनी पढ़ाई पूरी कर सके और उसे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े।


परिणाम :- 

  • हालांकि, इसकी वजह से कई बार यह पाया गया कि छात्रों का शैक्षणिक स्तर कमजोर हो रहा है, क्योंकि उन्हें बिना योग्यता के अगली कक्षा में प्रोन्नत (Promote) कर दिया जाता था।


अब  :-


  • अब नये संशोधन के बाद हुए बदलाव :-16 दिसंबर 2024 को नई अधिसूचना जारी कर, शिक्षा मंत्रालय ने RTE नियमों में संशोधन किया है।


प्रमुख बदलावः परीक्षा का प्रावधान :-


  • अब कक्षा 5 और 8 में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा होगी। यह परीक्षा सक्षमता-आधारित होगी, यानी समझ और कौशल की जांच होगी। (बिन्दु 1)
  • पुनः परीक्षा का अवसरः यदि छात्र पहली परीक्षा में असफल होता है, तो उसे दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा। (बिन्दु 2)
  • रोकने की प्रक्रियाः यदि छात्र पुनः परीक्षा में भी असफल होता है, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। (बिन्दु 3)
  • बालक को रोके रोखने के दौरान शिक्षक और स्कूल प्रबंधन छात्र और उसके माता-पिता का मार्गदर्शन करेंगे। (बिन्दु 4)
  • स्कूल का प्रमुख उन बालकों की सूची बनाएगा जो रोके गए हैं तथा ऐसे बालकों को विशेषज्ञीय इनपुट के लिए प्रदान किए गए उपबंधों तथा पहचाने गए अधिगम के अंतरालों के संबंध में उनकी प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरी करेगा। (बिन्दु 5)
  • समग्र विकास पर जोरः रोके गए छात्रों को उनकी कमजोरियों को दूर करने के लिए विशेषज्ञीय इनपुट दिया जाएगा।
  • सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा रटने या प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित न हो। (बिन्दु 6)
  • स्कूल से निष्कासन पर रोकः किसी भी छात्र को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। (बिन्दु 7)

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पहले और अब के अंतर :-


पहले :- 

  • सभी छात्रों को बिना असफल हुए अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाता था।


अब :-

  • परीक्षा और पुनः परीक्षा के आधार पर छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अगली कक्षा में भेजा जाएगा।


शिक्षा मंत्रालय द्वारा बड़े बदलाव किए गए हैं इन नए नियमों के अनुसार वार्षिक परीक्षा में कोई छात्र फेल होता है तो टीचर उसे फेल कर सकते हैं इसके बाद विद्यार्थियों को दो महीने के भीतर वापस से एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा जबकि पहले नियमों में आठवीं तक के किसी भी विद्यार्थी को फेल करने का प्रावधान नहीं था। पांचवी और आठवीं कक्षा की नियमित परीक्षाओं में अगर कोई विद्यार्थी असफल रहता है तो उसे 2 महीने में फिर से परीक्षा देने का मौका प्राप्त होगा।

  • भारत का राजपत्र ( THE GAZETT of INDIA) एक आधिकारिक दस्तावेज़ :- Download
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